
'कविता कोसी तीर की' बिहार प्रगतिशील लेखक संघ, पटना द्वारा 1997 में प्रकाशित एक महत्वपूर्ण कविता-संग्रह है, जिसके संपादक प्रभुनारायण विद्यार्थी हैं। इस संग्रह में कोसी अंचल के मधेपुरा जिला निवासी साठ नए-पुराने कवियों की कविताऍं और उनके संक्षिप्त परिचय का समावेश किया गया है। संग्रह के आरंभ में विद्यार्थी जी के संपादकीय के साथ-साथ 26 पृष्ठों का एक लंबा आलेख भी लिखा है, जिसमें उन्होंने मधेपुरा जिला की काव्य-साधना की परंपरा, विकास और समकालीन साहित्यिक विमर्श को आकलित किया है। पुस्तक की भूमिका प्रतिष्ठित कवि-आलोचक डॉ. खगेन्द्र ठाकुर ने लिखी है, जिसमें उन्होंने सर्जनात्मक सांस्कृतिक इतिहास तैयार करने के इस प्रयास का अभिनंदन किया है।
संग्रह में गोपीनाथ महाराज, विश्वनाथ महाराज, जिद्दत मधेपुरवी, भोलानाथ मायल, मनमोहन महाराज, यदुनाथ झा यदुवर, पुलकित लाल दास मधुर, युगल शास्त्री प्रेम, सत्यनारायण पोद्दार सत्य, प्रभाकर कवि, विद्याकर कवि जैसे पुराने कवियों के साथ-साथ हरिमोहन मिश्र, भगवानचंद्र विनोद, इंदुबाला देवी, हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ, देवनारायण पासवान देव, महेन्द्रनारायण मस्ताना, सुरेन्द्र प्रसाद साह, रमेन्द्र यादव रवि, सुबोध सुधाकर, बसंत, मंजुश्री वात्स्यायन, भूपेन्द्रनारायण यादव मधेपुरी, विनय कुमार चौधरी, शब्बीर अहमद, शंभूशरण भारतीय, आर्या दास, शांति यादव, जनार्दन यादव, संजय कुमार सिंह, अरविन्द श्रीवास्तव, उल्लास मुखर्जी आदि मधेपुरा निवासी प्रमुख कवियों की कविताओं का संकलन किया गया है।
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