
कोसी अंचल के प्रतिष्ठित अध्येता बच्चा यादव के संपादन में रचनाकार प्रकाशन, पूर्णिया से 1997 में प्रकाशित कहानी-संचयन 'कथा-कोशी' कोसी अंचल के समकालीन कथा परिदृश्य से परिचय करानेवाली महत्वपूर्ण पुस्तक है। इस पुस्तक के मुखपृष्ठ पर हिन्दी के प्रख्यात कथाकारों फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन की ऐसी दुर्लभ तस्वीर प्रकाशित है, जिसमें वे दोनों धान की रोपाई का काम कर रहे हैं। पुस्तक में वरिष्ठ-कनिष्ठ 43 कथाकारों की कहानियॉं संकलित हैं। साथ ही कोसी अंचल के तत्कालीन कथा-परिदृश्य की पड़ताल करते हुए धनेशदत्त पांडेय का आलेख 'रेणु माटी के कथाकार' और कल्लोल चक्रवर्ती का आलेख 'रेणु की कथा-परंपरा का प्रकाशन भी किया गया है।
संकलन में शामिल कथाकारों में चंद्रकिशोर जायसवाल, रामधारी सिंह दिवाकर, विजयकांत, महाप्रकाश, कमला प्रसाद बेखबर, नवरंग प्रसाद जायसवाल, राधा प्रसाद, सरला राय, कृतनारायण प्यारा, हरि दिवाकर, अनिलचंद्र ठाकुर, धनेश दत्त पांडेय, वसंत कुमार राय, सुबोध कुमार झा, देवशंकर नवीन, कल्लोल चक्रवर्ती, संजीव ठाकुर, संजय कुमार सिंह और रणविजय सिंह सत्यकेतु प्रमुख हैं।
बच्चा यादव ने संकलन की भूमिका में कोसी अंचल की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक पृष्ठभूमि को रेखांकित करने का सफल प्रयास किया है। उल्लेखनीय है कि बच्चा यादव (जन्म फरवरी 1958, महथवा, अररिया) की गवेषणात्मक रचनाऍं 'हिन्दुस्तान', 'आज', पाटलिपुत्र टाइम्स', 'गंगा' आदि पत्र-पत्रिकाओं में बराबर स्थान पाती रही हैं। वे बिहार सरकार के अधिकारी हैं तथा 'मुहिम' (त्रैमासिक) पत्रिका के संपादन से जुड़े रहे हैं।